Shloka 06 - सरस्वती विद्या प्रदायक भक्तामर जी के जाप प्रेगनेंसी में कैसे करने हैं ताकि भक्तामर जी की हीलिंग बच्चे के डेवलपमेंट में काम करे | ये विधि आपको paid प्रोग्राम में बताई जाएगी | अल्प- श्रुतं श्रुतवतां परिहास-धाम, त्वद्-भक्तिरेव मुखरी-कुरुते बलान्माम् । यत्कोकिल: किल मधौ मधुरं विरौति, तच्चाम्र -चारु -कलिका-निकरैक -हेतु:॥ 6॥ ALPASHRUTAM SHRUTAWATAM PARIHASADHAMTVADBHAKTIREVA MUKHARIKURUTE BALANMAMYATKOKILAH KILA MADHAU MADHURAM VIRAUTITACHCHAMRACHARU KALIKA NIKARAIKA HETUH Fallback content goes here.